निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 23 अगस्त 2016

403...क्या सचमुच कोई नेता, कोई अफसर,कोई नही चाहता


जय मां हाटेशवरी...

कुछ अधिक व्यस्तता रही...
अधिक पढ़ना सका...
जो पढ़ा...
उसकी कुछ झलकियां

अपनी ही निगाह में अजनबी
s400/thoughtful
बिल्कुल ज़रूरी नहीं
कि हम बाहर बारूद बिछा दें !
धमाके से किसी निर्दोष का अवसान
क्या हमें सुकून देगा
क्या किसी पंछी का बसेरा
फिर कभी हमारे दालान में बनेगा ?
...
हमें मजबूत होना है
सजग होना है
ना कि असली फूलों की खुशबू से विलग होना है

कर लो हिन्दी से मुहब्बत दोस्तो
बोल अपनापन भरा कहती सदा
है यहाँ माँ की इबादत दोस्तो
क्यूँ विदेशी मूल की भाषा रहे?
इसलिए करती बग़ावत दोस्तो
विश्व में इज्जत की है हक़दार वो
कर रही अपनी वकालत दोस्तो

गज़ल
मन्जिल तक पहुँचने के लिए चलना तो पढ़ेगा ,
लड़ाई जितने के लिए हिम्मत से लड़ना तो पड़ेगा।
जिसने भी हिम्मत हारा ,परीक्षा से मुहँ मोड़ा ,
मिट गया वह ,जग ने भी उसको भुला दिया।

याद दे कर न तू गया होता
ज़िंदगी कट रही बिना तेरे,
याद दे कर न तू गया होता।
नींद से टूटता नहीं नाता,
खाब तेरा न गर पला होता।

क्या सचमुच ..
सैनिक रहें सज्ज सदा,
मिले उन्हे सम्मान और मुआवजा।
पडोसी देशों से मेल हो,
शांति से खेल हों।
वे भी और हम भी रहें खुशहाल,
किसी के दिल में ना हो मलाल।
प्रकृती की मार तो पडती ही है,
पर सरकार क्यूं हम से अकडती है।
क्या सचमुच कोई नेता, कोई अफसर,कोई नही चाहता
कि लोगों का काम हो

कश्मीर पर साहसिक कदम - अशोक चतुर्वेदी
असल में आज़ादी के बाद से अब तक जम्मू कश्मीर के मसले में पाकिस्तान के आक्रामक रुख के मुकाबले भारत का रुख हमेशा रक्षात्मक ही रहा, 1948 में पाकिस्तानी आक्रामकों द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य की कब्जाई हुई भूमि को दुश्मनों से छुड़ाने में लगी बढ़ती हुई भारतीय सेना को रोककर हम ही इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले गए अन्यथा कुछ दिनों की ही बात थी जब पूरे जम्मू कश्मीर राज्य से हमारी सेना उन्हें खदेड़ देती किन्तु हमने खुद संयुक्तराष्ट्र की पंचायत के चक्कर में कि संयुक्तराष्ट्र हमें उस हिस्से को पाकिस्तान से वापिस दिला देगा, राज्य के ऐक बड़े हिस्से को पाकिस्तान के कब्जे में रह जाने दिया और पाकिस्तान की नीयत जानते हुए भी इस अस्वाभाविक और बेवकूफी भरे सपने के सच होने का हमें इतना विश्वास था कि हमने इसी आशा में पीओके के क्षेत्रों और लोगों के नाम पर जम्मू कश्मीर राज्य विधान सभा में 24 सीटें खाली रखी कि उन क्षेत्रों के संयुक्तराष्ट्र द्वारा पाकिस्तान से वापिस दिला देने पर इन सीटों को वहां के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा भरा जायेगा ! 68 वर्ष बीत जाने पर आज भी पीओके के नाम पर खाली रखी ये सीटें आज भी नहीं भरी गयीं !

हमारी ब्रा के स्ट्रैप देखकर तुम्हारी नसें क्यों तन जाती हैं ‘भाई’? — सिंधुवासिनी
मेरे कुछ साथी महिलाओं द्वारा आजादी की मांग को लेकर काफी ‘चिंतित’ नजर आ रहे हैं। उन्हें लगता है कि महिलाएं ‘स्वतंत्रता’ और ‘स्वच्छंदता’ में अंतर नहीं कर पा रही हैं। उन्हें डर है कि महिलाएं पुरुष बनने की कोशिश कर रही हैं और इससे परिवार टूट रहे हैं, ‘भारतीय अस्मिता’ नष्ट हो रही है। वे कहते हैं कि नारीवाद
की जरूरतमंद औरतों से कोई वास्ता ही नहीं है। वे कहते हैं सीता और द्रौपदी को आदर्श बनाइए। कौन सा आदर्श ग्रहण करें हम सीता और द्रौपदी से? या फिर अहिल्या से?

छल इंद्र करें और पत्थर अहिल्या बने, फिर वापस अपना शरीर पाने के लिए राम के पैरों के धूल की बाट जोहे। कोई मुझे किडनैप करके के ले जाए और फिर मेरा पति यह जांच करे कि कहीं मैं ‘अपवित्र’ तो नहीं हो गई। और फिर वही पति मुझे प्रेग्नेंसी की हाल में जंगल में छोड़ आए, फिर भी मैं उसे पूजती रहूं। या फिर मैं पांच पतियों की बीवी बनूं। एक-एक साल तक उनके साथ रहूं और फिर हर साल अपनी वर्जिनिटी ‘रिन्यू’ कराती रहूं ताकि मेरे पति खुश रहें। यही आदर्श सिखाना चाहते हैं आप हमें?

फिर मिलते हैं...
शुकरवार को नहीं आ सकूंगा...
धन्यवाद।
















3 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...